हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर ,शिया जामा मस्जिद में गुज़श्ता सालों (विगत वर्षों) की तरह इस वर्ष भी रमज़ान के महीने में लगातार 30 दिनों तक इफ्तारी का एहतेमाम (आयोजन) जामा मस्जिद इन्तेज़ामिया कमेटी और शहर के दीगर मोमेनीन के ज़रिए किया जाता है।
जिसमें लगभग 250 रोज़ेदार नमाज़ अदा करने के बाद रोज़ा इफ्तार करते हैं इसी क्रम में शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसाइटी ने रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया मगरिबैन की नमाज़ इमाम ए जुमआ शहर जौनपुर हुज्जतुल इस्लाम आली जनाब मौलाना महफूजुल हसन खां ने अदा कराई।
नमाज़ के बाद रोज़ेदारों ने देश व कौम की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की इस मौक़े पर शेख नूरुल हसन मरहूम व उनकी अहलिया मरहूमा के इसाले सवाब की मजलिसे तरहीम को ख़ेताब करते हुए मौलाना आगा आबिद अली खान नजफी ने कहा कि अल्लाह ने रोज़ों को इसलिए फ़र्ज़ क़रार दिया है कि हम परहेज़गार बन सकें।
माहे रमज़ान में मुसलमान अल्लाह की इबादत के ज़रिए गुनाहों से निजात हासिल कर सकता है। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा की बीबी हज़रत ख़दीजा की वफात 10 रमज़ान को हुई थी उसी की मुनासिबत से मजलिस में मौलाना आबिद नजफी ने मसायब पढ़ा जहां तमाम मोमेनीन की आंखें अश्कबार हो गईं।